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निंबाहेड़ा नगर परिषद में करोड़ों के भुगतान पर उठे सवाल, आरोप- बिना मूर्तियां लगे और अधूरे पेचवर्क के बावजूद ठेकेदारों को कर दिया भुगतान


ओम भट्ट 📞 8000191859

चित्तौड़गढ़: नगर परिषद निंबाहेड़ा में सौंदर्यकरण व सड़क मरम्मत कार्यों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि परिषद अधिकारियों ने नियम विरुद्ध तरीके से अधूरे कार्यों का भुगतान कर करोड़ों रुपए की राशि ठेकेदारों को जारी कर दी। जबकि अधिकांश स्थानों पर न तो मूर्तियां स्थापित हुई हैं और न ही पेचवर्क पूरा हुआ है।

नगर कांग्रेस अध्यक्ष बंशीलाल राईवाल ने बताया कि परिषद ने 8 दिसंबर को चौराहों व उद्यानों के सौंदर्यकरण कार्य का भुगतान जीकेएम कंस्ट्रक्शन कंपनी को कर दिया। जबकि जावद दरवाजा, विवेकानंद सर्कल, जेके चौराहा, परशुराम सर्कल, बैडमिंटन हॉल के बाहर सहित कई स्थानों पर अब तक मूर्तियां लगाई ही नहीं गई हैं। इसके बावजूद संबंधित अधिकारियों में आयुक्त, एईएन, जेईएन, एक्सईएन सहित निर्माण, लेखा एवं वित्तीय शाखा ने कार्य पूर्ण होने का प्रमाणित कर लगभग 1.70 करोड़ का भुगतान कर दिया।

राईवाल ने यह भी आरोप लगाया कि अंकित इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को भी करीब 1.50 करोड़ का भुगतान किया गया है, जबकि पेचवर्क का अधिकांश कार्य स्थल पर दिखाई नहीं देता। उन्होंने कहा कि पूर्व में अन्य संवेदकों को परिषद की खराब वित्तीय स्थिति का हवाला देकर भुगतान रोक दिया गया था, लेकिन कुछ चहेते ठेकेदारों को बिना कार्य पूर्ण हुए ही करोड़ों रुपए का लाभ पहुंचाया जा रहा है।

पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सुभाषचंद्र शारदा ने आरोप लगाया कि परिषद अधिकारी एवं सत्ताधारी दल के कुछ नेता गठजोड़ कर राजकोष को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीकेएम कंस्ट्रक्शन को नियमविरुद्ध एकल निविदा पर टेंडर आवंटित किया गया और अब अधूरे कार्य का भुगतान कर दिया गया। शारदा ने दावा किया कि यह कंपनी नगर परिषद आयुक्त कौशल कुमार खटूमरा के नजदीकी व्यक्ति से जुड़ी हुई है तथा उनके कार्यकाल में अन्य नगर पालिकाओं में भी इसी प्रकार लाभान्वित रही है।

पूर्व उपाध्यक्ष परवेज अहमद शिब्बी ने कहा कि प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भेजी गई शिकायत के बाद अधिकारियों को आशंका हुई कि कहीं कार्रवाई न हो जाए, इसलिए बिना कार्य पूर्ण हुए ही भुगतान निपटा दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी व कुछ भाजपा नेता केवल राजकोषीय राशि की लूट में लगे हैं और जनहित के कार्य उपेक्षित हैं।

शारदा ने कहा कि अब आम नागरिकों के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं में भी यह चर्चा है कि स्थानीय विधायक श्रीचंद कृपलानी इस पूरे प्रकरण पर आंख मूंदे हुए हैं। जिससे भ्रष्टाचार को मौन स्वीकृति मिलती प्रतीत होती है। उन्होंने पुनः उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर कठोरतम कार्रवाई की मांग की है ताकि नगर परिषद में चल रही कथित अनियमितताओं पर रोक लग सके।

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