Ticker

6/recent/ticker-posts

Video: चित्तौड़गढ़ में पुलिस के सामने ग्रामीणों ने तीन आदिवासी युवकों को चोर समझकर पीटा, भील समाज के लोगों ने आकोला थाने का किया घेराव

चित्तौड़गढ़@TEN● चित्तौड़गढ़ के आकोला क्षेत्र में भील समाज के तीन व्यक्तियों के साथ मारपीट, गाली-गलौच और जातिगत उत्पीड़न का मामला सामने आया है। पीड़ितों ने पुलिस उपाधीक्षक कपासन को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। वहीं आकोला थाने में बड़ी संख्या में भील समाज के लोग इकट्ठा हुए और तुरंत दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

गांव वालों ने पुलिस के सामने युवकों की पिटाई शुरू कर दी

पीड़ित हीरालाल भील, रूपलाल गमेती और सुरेश भील ने बताया कि 25 अगस्त की रात वे मानखण्ड गांव से चोरवड़ी सत्संग में गए थे। 26 अगस्त की रात करीब 12:30 बजे लौटते समय पटोलिया गांव के बाहर देवस्थान के पास बारिश के कारण रुके थे। इसी दौरान एक अल्टो कार से 5-6 अज्ञात लोग आए और बिना किसी पूछताछ के उनके साथ मारपीट शुरू कर दी।

पीड़ितों का आरोप है कि सत्संग स्थल पर मौजूद लोग भी वहां पहुंचे और उन्हें चोर समझकर गाली-गलौच व धक्का-मुक्की करने लगे। बाद में उन्हें अल्टो कार में डालकर पटोलिया गांव के चारभुजा मंदिर के बाहर ले जाया गया और फिर से मारपीट की गई।

पीड़ित युवकों ने बताया कि वो सत्संग से घर लौट रहे थे

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मौके पर पहुंची आकोला थाना पुलिस, जिसमें एएसआई भंवर सिंह भी शामिल थे, ने कोई बचाव नहीं किया और उल्टे पुलिसकर्मी भी उन्हें थाने ले जाकर मारपीट करने लगे। पीड़ितों के अनुसार पुलिस उन्हें झूठा फंसाने का प्रयास कर रही थी।

युवकों के साथ मारपीट के बाद पुलिस उन्हें साथ ले गई

घटना के बाद पीड़ितों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 126 और 170 के तहत पाबंद कर दिया गया। पीड़ितों ने कहा कि इस पूरी घटना में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है और जातिगत प्रताड़ना का यह स्पष्ट मामला है। उन्होंने वीडियो साक्ष्य भी मौजूद होने का दावा किया है।

आकोला थाने पहुंचे आक्रोशित दलित समाज के लोग

पीड़ितों ने मांग की है कि आरोपियों और पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई की जाए और उनकी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ