
थर्ड आई न्यूज़@ देश (india) में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA)और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ताबड़तौड़ कार्रवाई देखने को मिली। जिसमें तमिलनाडु, केरल समेत 13 राज्यों में पीएफआई पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर छापेमारी की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार NIA ने केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया।
पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने के खिलाफ ये अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है।
आइए सबसे पहले जानते है कि ये पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) क्या (what) है?
(Popular Front of Indian ?) पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। इसमें महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं।
-कई राज्यों में एक साथ कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश के अलग-अलग राज्यों में चल रही कार्रवाई में एएनआई (NIA) और ED ने मलप्पुरम जिले के मंजेरी में पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष OMA Salam के अलावा पीएफआई के दिल्ली हेड परवेज अहमद के घर पर छापेमारी की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। पीएफआई के राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के नेताओं के घरों पर छापेमारी हो रही है। राज्य समिति कार्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है।
एनआईए के अधिकारी तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पार्टी कार्यालय पर छापेमारी की। पीएफआई के 50 से ज्यादा सदस्यों ने एनआईए की छापेमारी के खिलाफ पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
असम से नौ पीएफआई से जुड़े लोग हिरासत में
असम पुलिस ने राज्य भर में पीएफआई से जुड़े नौ लोगों को हिरासत में लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि, कल रात असम पुलिस और एनआईए ने संयुक्त रूप से गुवाहाटी के हाटीगांव इलाके में अभियान चलाया और पीएफआई से जुड़े राज्य भर में 9 लोगों को हिरासत में लिया।
अलग-अलग राज्यों में कार्रवाई के दौरान PFI कार्यकर्ताओं की ओर से विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।
इसके अलावा मध्यप्रदेश के इंदौर और उज्जैन में एनआइए ने पीएफआइ के ठिकानों पर मारा छापा है। पीएफआइ के मध्य प्रदेश लीडर को गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है कि चार नेता इंदौर और उज्जैन से गिरफ्तार किए गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदेश में PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के 650 से ज्यादा सदस्य सक्रिय हैं। यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस संगठन का इंदौर, उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम समेत प्रदेश में नेटवर्क है. संगठन की कई अलग-अलग शाखाएं हैं। महिलाओं के लिए नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया हैं। एमपी में चूड़ी वाली घटना के बाद PFI सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आया था. उसके बाद से इस संगठन पर नजर और पैनी कर दी गई थी. झारखंड और केरल में इस पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है. यूपी में भी इसकी देश विरोधी गतिविधियां उजागर हुई थीं. इंटेलिजेंस इनपुट के बाद अब सरकार एमपी में भी पीएफआई को बैन करने की तैयारी में है।
इसी तरह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यूपीएटीएस व एनआईए की छापेमारी में दो संदिग्धों को लखनऊ से हिरासत में लिया गया है। जबकि बिहार के पूर्णिया में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एएनआई, PFI कार्यालय में तलाशी ले रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले एनआईए की टीम ने 18 सितंबर को भी तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। इनमें तेलंगाना-आंध्र के दो-दो लोग शामिल थे। बताया जा रहा है कि दोनों राज्यों में 23 से ज्यादा टीमें तलाशी अभियान चला रही हैं।
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