थर्ड आई न्यूज़@चित्तौड़गढ़।
वर्ष 2022-23 के लिए अफीम नीति हुई जारी हुई है। चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने अफीम की खेती के वर्ष 2022-23 हेतु केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग द्वारा जारी की गयी अफीम नीति किसान हितैषी बताया, और कहा कि इस नीति में किसानों को कई प्रकार की सौगातें दी गई है। जिसमें अफीम की खेती करने हेतु जारी किए जाने वाले लाइसेंस की पात्रता बताई गई। सांसद जोशी ने बताया कि इस वर्ष की पॉलिसी में किसानों को दी गई राहत से हजारों किसान लाभान्वित होंगे। सांसद ने बताया कि पूर्व में 20,000 अफीम लाईसेंस थे। जो 8 वर्ष में बढ़कर 76,000 अफीम लाईसेंस हो गये।
सांसद सीपी जोशी ने इस वर्ष की अफीम नीति को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सरकार के द्वारा हर वर्ष की भांति किसानों के हित में बताते हुए केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एवं केन्द्रीय वित्तराज्य मंत्री पंकज चौधरी का आभार जताया।
ये है पात्रता
वे किसानों जिन्होंने फसल वर्ष 2021-22 के दौरान अफीम फसल की खेती की हैं 4.2 कि.ग्रा./हे. या इससे अधिक औसत से फसल दी हैं वे लाईसेंस के पात्र होंगे।
वे किसान जिन्होंने 3 वर्षाे तक 2019-20, 2020-21, 2021-22 में अफीम फसल उखड़वाई हो, वे पात्र होंगे। परन्तु लगातार 4 वर्षाे तक अफीम फसल उखड़वाने वाले किसान पात्र नहीं होेंगे।
वे किसान जिनकी अपील डी.एन.सी. के द्वारा स्वीकार की गई हो वे लाईसेंस के पात्र होंगे।
वे किसान जो वर्ष 2021-22 में पात्र थे परन्तु किसी कारण से अफीम की खेती नहीं कर पाये अथवा विभाग से लाईसेंस प्राप्त नहीं कर पाये वे किसान पात्र होगे।
वे किसान जिन्होंने वर्ष 2021-22 में खेती की हैं लेकिन उनकी मृत्यु हो गई हैं उनके वैध वारिस लाईसेंस के पात्र होंगे।
सभी पात्र किसानों को 10 आरी के लाईसेंस दिये जायेंगे जिनकी वे 2 प्लॉट में बुवाई कर सकते हैं।
सीपीएस पद्धति में पात्र किसान
इसी तरह सीपीएस पद्धति अन्तर्गत अफीम खेती के लिये पात्र किसान इस प्रकार बताए गए हैं।
वे किसान जिन्हें वर्ष 2021-22 में सी.पी.एस. पद्धति का लाईसेंस मिला उन्हें पात्र होने पर इस बार भी सी.पी.एस. पद्धति से खेती करने का लाईसेंस मिलेगा।
जिन किसानों ने वर्ष 2021-22 में खेती की हैं और मारफीन दी हैं। उनकी औसत 3 कि.ग्रा./हे. से 4.2 कि.ग्रा./हे. से कम होगी उन्हें सी.पी.एस. पद्धति के लाईसेंस दिये जायेेंगे।
वे किसान जो गोंद वाली अफीम के लिये पात्र हैं वे सी.पी.एस. पद्धति में लाईसेंस ले सकते हैं।
वे किसान जिन्होंने सी.पी.एस. पद्धति का लाईसेंस हंकवा दिया वे भी सी.पी.एस. पद्धति में लाईसेंस के पात्र होंगे।
वे किसान जो वर्ष 2021-22 में सी.पी.एस. पद्धति के लाईसेंस के पात्र से परन्तु लाईसेंस नहीं ले पाये वे पात्र होगे।
वे किसान जिन्होंने वर्ष 1999-2000 से वर्ष 2021-22 तक घटिया अफीम दी हैं। लेकिन उनकी मारफीन 6 प्रतिशत से ज्यादा हैं वे किसान भी सी.पी.एस. पद्धति में लाईसेंस प्राप्त करने के पात्र होंगे।
वे किसान जिन्होंने वर्ष 1999-2000 से वर्ष 2021-22 के मध्य अफीम की खेती की हैं और अफीम दी हैं। उनका 4 वर्ष का औसत दी गई अफीम के 100 प्रतिशत या उससे अधिक होने पर किसान सी.पी.एस.पद्धति में लाईसेंस प्राप्त करने के पात्र होंगे।
वर्ष 1999-2000 से अब तक कानुनी उत्तराधिकारी किसी कारण से लाईसेंस नहीं ले पाये, यदि उनकी पात्रता बनती हैं तो उन्हें सी.पी.एस.पद्धति से लाईसेंस दिये जायेंगे।
वे किसान जो एन.डी.पी.एस. प्रकरण में दिनांक 31.07.2022 तक पुरी तरह से बरी हो चुके हैं और उनकी पात्रता बनती हैं तो उन्हें सी.पी.एस.पद्धति से लाईसेंस दिये जायेंगे।
इस वर्ष 2022-23 में वर्ष सी.पी.एस. पद्धति से लाईसेंस प्राप्त करने वाले किसानों का लाईसेंस 5 वर्षाे के लिये वर्ष 2027-28 तक वैध रहेगा।
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