रावतभाटा में राणा प्रताप सागर बांध के 16 गेट खुले। इसके बावजूद यहां ऐसा पहली बार हुआ जब रावतभाटा से चित्तौड़गढ़ और भैंसरोडगढ़ का संपर्क नही टूटा। जो कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के लिए अपने आप में एक बड़ी उपलब्धी है।
दरअसल राणा प्रताप सागर बांध के अनुमानित 10 से 12 गेट खोलने पर रावतभाटा से भैंसरोडगढ़ जाने वाले मार्ग के बीच चाम्बला पुलिया पर पानी की चादर चलने लगती थी। जिससे भैंसरोडगढ़, बेगूं और चित्तौड़गढ़ जाने वाला रास्ता पूरी तरह बंद हो जाता था। ऐसे में भैंसरोडगढ़ बोराव बेल्ट का रावतभाटा और, रावतभाटा का जिला मुख्यालय से संपर्क तो टूटता ही था। साथ ही पुलिया पार स्थित कॉलेज, एसडीएम ऑफिस, कोर्ट और तहसील जाने का दूसरा कोई विकल्प नही था। जिससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ती थी।
कांग्रेस नेता और पूर्व पालिका अध्यक्ष धर्मेंद्र तिल्लानी ने बताया कि मानसून में राणा प्रताप सागर बांध में पानी की आवक देखते हुए राणा प्रताप सागर बांध के अधिकांश गेट खोलने की संभावना बन रही थी। ऐसे में विधायक बिधुड़ी ने मामलें को गंभीरता से लेते हुए पानी के बहाव में बाधा बनने वाली पुरानी क्षतिग्रस्त पुलिया को तुरंत तुड़वाने के निर्देश दिए।
विधायक के निर्देशन में पालिका अध्यक्ष दीपिका तिल्लानी और पूर्व पालिका अध्यक्ष धर्मेन्द्र तिल्लानी ने तुरंत प्रभाव से सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहयोग से पानी के बहाव में बाधा बनने वाली पुरानी पुलिया को हटवा दिया। जिसके बाद राणा प्रताप सागर बांध में पानी की भारी आवक होने पर 17 में से 16 गेट खोले गए। लेकिन फिर भी बांध से छोड़ा गया पानी चाम्बला पुलिया के ऊपर से ना होकर सहज रूप से नीचे से निकलने लगा। जिससे चित्तौड़गढ़ जाने वाला मार्ग बाधित नही हुआ और यहां लगातार आवागमन जारी रहा।
वहीं बांध के 16 गेट खुलने पर विधायक बिधुड़ी के निर्देश पर नगर पालिका अध्यक्ष दीपिका तिल्लानी, पूर्व पालिका अध्यक्ष धर्मेन्द्र तिल्लानी, अधीशासी अधिकारी मोहम्मद सोहेल शेख और जनप्रतिनिधी चाम्बला पुलिया पर स्थिति का जायजा लेने पहुंचे, जहां आवागमन पूरी तरह से सामान्य मिला।
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