
थर्ड आई न्यूज़@रावतभाटा। उपखण्ड के बरखेड़ा ग्राम पंचायत के रोडीबांडी व बरखेड़ा की वन सुरक्षा एवं प्रबंधन समिति के साथ ग्रामीणों द्वारा पशुओं को चराने के लिए हुए समझौते का उलंघन करने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने तहसीलदार के मार्फ़त जिला कलक्टर के नाम ज्ञापन दिया। ग्रामीण जीवराज पिता दयाल गुर्जर व ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि वे रोडीबाडी (अम्बा बांडी) के पशु पालक है, और वर्षों से वन क्षेत्र में उनके वन अधिकारों के तहत पशु चराई का कार्य एवं पशु पालन करते रहे है, परन्तु पशु की चराई को लेकर दोनों गाँव के बीच लडाई झगडे होते रहते थे, इस पर फोरेस्ट रेंज रावतभाटा के रेन्जर और वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने ग्राम बरखेडा एवं आम्बा बांडी के पशु पालको की एक मीटिंग दिनांक 26/11/2000 को वन नाका बरखेडा पर दोनो वन सुरक्षा एवं प्रबंध समितियों की मिटींग कराई। पशु चराई के सम्बंध में दोनों गाँव के वन अधिकारों के तहत समझोता कराया और समझोते की लिखापढ़ी भी करवाई, जिसमें रेन्जर रामचंद्र बोहरा, वनपाल फोरेस्ट गार्ड लाल चंद्र योगी नाका बरखेडा प्रताप गार्ड और श्याम सिंह गार्ड की मोजूदगी में दोनो गाँव की वन सुरक्षा समितियों के पदाधिकारियों के एवं सदस्यो की मिटींग आयोजित की गई।
मिटिंग में यह तय किया गया कि सिंगाडिया के क्लोज़र ए एवं बी की सुरक्षा एवं देखभाल बरखेडा की समिति करेगी एवं और लघुवन उपज पर बरखेडा समिति के सदस्यों का अधिकार रहेगा। और सिंगाडिया के क्लोज़र सी की सुरक्षा एवं देखमाल ग्राम अम्बा बाडी (रोडी बांडी) की सुरक्षा समिति करेंगी एवं इससे होने वाली लघुवन उपज का उपरोक्त नियमानुसार अम्बा बांडी की सुरक्षा समिति का अधिकार होगा। क्लोज़र का क्षेत्रफल 45 हैक्टेयर है, जो गाँधीसागर रोड के पश्चिम दिशा में है। दोनो समितियों के मवेशी छोरा गाला के अंदर पानी पियेगे कोई भी व्यक्ति मवेशियो को पानी पीने से नहीं रोकेगा।उपरोक्त वर्णित समझोते की पालना दोनो समितियों की ओर से गत् 20 वर्षों से करती चली आ रही है, और अपने अपने क्षेत्रों में पशु चराई एवं लघुवन उपज लेने का कार्य करते आ रहे है। परन्तु इस वर्ष बरखेडा वन सुरक्षा समिति के सदस्यों ने समझोते का उलधन कर क्लोज़र सी में भी अपने मवेशी घुसा दिये और आंबा बांडी के मवेशियों को चरने से रोक रहे है। और छोरा नाले में भी पानी पिलाने से रोक रहे है, जिससे दोनों गाँवो में शान्ति भंग हो रही है, और एक माह से तनाव बना हुआ है, जिससे किसी भी समय कोई भी भारी दुर्घटना हो सकती। चराई रोक देने से हमारे मवेशी मुखे प्यासे मर रहे है, जिससे दुध का उत्पादन भी कम हो गया है, और हमारी आय भी कम हो गई है, जिससे आर्थिक स्थिति भी खराब हो रही है। ग्रामीणों ने वन सुरक्षा एवं प्रबंध समिति बरखेडा के सदस्यो को पाबंद करते हुए उपरोक्त वर्णित समझोते का बराबर बराबर पालन करने और क्लोजर सी में अपने मवेशियों को प्रवेश नहीं करावे छोरा नाले पर उनके मवेशियों को पानी पिलाने से नहीं रोके और शान्ति कायम रखाने हेतु सामने वाले पक्ष को पाबंद कवाने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में जीवराज गुर्जर, श्रीकिशन, राजु, गोविंद, सरवन, अर्जुन, नारायण, भीमा, मांगू, रामलाल, रामदेव, रंगलाल, प्रहलाद, पुसाराम, भागीरथ, मोहन, रंगलाल समेत अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।
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